परमेश्वर स्वयं के लिए इंसान की सच्ची आस्था और प्रेम पाने की करता है आशा
- परमेश्वर करता है आशा, जब तुम समझो,
- उसके सच्चे रूप को,
- तुम हो जाओगे उनके और करीब;
- सच्चे दिल से समझोगे उनके प्रेम को,
- इंसानियत के लिए उनकी चिंता की करोगे सच्ची तारीफ़;
- अपने दिल को सौंप दोगे उनके हाथ में,
- न रहेगा शंका न होगा कोई संदेह उनके बारे में,
- इंसान के लिए वो सब कुछ करते हैं, लेकिन चुपके से,
- उनकी सच्चाई, निष्ठा और प्यार मिलता है इंसान को चुपके से।
- वह अपने किये पर कभी नहीं पछताता है,
- न इंसान से मांगता है नेकी का बदला और न करता है उनसे कुछ मिलने की आशा।
- वह जो कुछ भी करता उसमें सच्ची आस्था और प्यार ही उसकी इकलौती मुराद है।
- जब तुम्हारा दिल सच में पहचानता है परमेश्वर का स्वभाव
- और उसके सार के लिए तुममें हो बड़ी सराहना,
- तुम महसूस करोगे परमेश्वर को बिल्कुल अपने करीब,
- तुम महसूस करोगे परमेश्वर को बिल्कुल अपने करीब।
- ये ही है सच्चाई!
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
- Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
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