Hindi Best Christian Family Movie "कहाँ है घर मेरा?" | God Gave Me a Happy Family (Hindi Dubbed)
वेन्या जब दो साल की थी, उसके माता-पिता का तलाक हो गया और उसके बाद वह अपने पिता और सौतेली मां के साथ रही। उसकी सौतेली मां उसे स्वीकार नहीं कर पाई और हमेशा उसके पिता के साथ झगड़ा करती रही। उसके पिता के पास वेन्या को उसकी मां के घर भेजने के अलावा कोई और चारा न रहा, परंतु उसकी मां अपने कारोबार को चलाने में पूरी तरह व्यस्त थी और उसके पास वेन्या का ध्यान रखने के लिए कोई समय नहीं था, इसलिये वह अक्सर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर लालन-पालन के लिए धक्का खाती रही। दूसरों के यहां लालन-पालन के कई वर्षों के पश्चात् नन्ही सी वेन्या अकेली और असहाय महसूस करने लगी और एक घर के अपनेपन के लिए लालायित होने लगी।
जब उसके पिता और सौतेली मां का तलाक हुआ, तभी वह अपने पिता के घर आ पाई और उसके बाद ही, अच्छे या बुरे के लिए, उसे एक घर मिल पाया।
जब उसके पिता और सौतेली मां का तलाक हुआ, तभी वह अपने पिता के घर आ पाई और उसके बाद ही, अच्छे या बुरे के लिए, उसे एक घर मिल पाया।
जब वेन्या बड़ी हो गई, वह बहुत सतर्क और आज्ञाकारी थी, और उसने मेहनत से पढ़ाई की। लेकिन जिस समय वह अपने कॉलेज के दाखिले की प्रवेश परीक्षा के लिए मेहनत से पढ़ाई कर रही थी, ठीक उसी समय उस पर दुर्भाग्य का साया पड़ गया। उसकी मां को ब्रेन हैमरेज हो गया और वह लकवा से ग्रस्त होकर बिस्तर पर पड़ गई। उसके सौतेले पिता ने उसकी मां को न सिर्फ छोड़ दिया बल्कि उसकी संपत्ति पर भी कब्ज़ा कर लिया। उसके बाद वेन्या के पिता को लीवर कैंसर के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वेन्या स्वयं को घर-परिवार की जिम्मेदारी उठा पाने में असमर्थ महसूस करने लगी। वह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मदद की गुहार करने के अलावा और कुछ न कर सकी, परंतु सभी ने उसे अस्वीकार कर दिया....
जब वेन्या पीड़ा में थी और उसके पास कोई सहारा नहीं था, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की दो बहनों ने वेन्या, उसकी मां और बहन को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की गवाही दी। वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों के माध्यम से लोगों के जीवन के दु:ख की जड़ों को समझने में सक्षम हो पाए। वे यह समझ पाए कि जब लोग परमेश्वर के समक्ष आते हैं, सिर्फ तभी वे परमेश्वर की सुरक्षा प्राप्त कर प्रसन्नता से रह सकते हैं। सिर्फ परमेश्वर के वचनों के ढाढ़स से मां और बेटियां अपने दुख और बेबसी की हालत से बाहर आ सकीं। वेन्या ने सचमुच परमेश्वर के प्रेम और दया का अनुभव किया, उसने एक घर का अपनापन महसूस किया, और एक सच्चे घर में आ गई।
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