सच्ची प्रार्थना का प्रभाव
- I
- ईमानदारी से चलो,
- और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे,
- गहरे छल से छुटकारा पाओगे।
- प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;
- प्रार्थना करो, परमेश्वर का स्पर्श महसूस करो।
- तब तुम्हारा स्वभाव बदल जायेगा।
- मनुष्य का स्वभाव प्रार्थना से बदलता है।
- जितना अधिक आत्मा स्पर्श करे, उतना ही वे मानेंगे,
- अधिक सक्रिय वे हो जायेंगे।
- और सच्ची प्रार्थना के कारण, उनके दिल धीरे-धीरे शुद्ध हो जाएंगे।
- II
- सच्चा आध्यात्मिक जीवन प्रार्थना का जीवन है।
- एक जीवन जो कि परमेश्वर के स्पर्श के साथ है।
- जब परमेश्वर तुम लोगों को छूता है,
- इस तरह, तुम सब बदलते हो और तुम्हारा स्वभाव बदल सकता है।
- मनुष्य का स्वभाव प्रार्थना से बदलता है।
- जितना अधिक आत्मा स्पर्श करे, उतना ही वे मानेंगे,
- अधिक सक्रिय वे हो जायेंगे।
- और सच्ची प्रार्थना के कारण, उनके दिल धीरे-धीरे शुद्ध हो जाएंगे।
- III
- जब जीवन पर पवित्र आत्मा का स्पर्श ना हो,
- तब जीवन धर्म से ज्यादा कुछ नहीं है।
- लेकिन जब परमेश्वर करता है प्रकाशित और अक्सर छूता है तुम्हें,
- तुम सब तब एक आध्यात्मिक जीवन जियोगे।
- मनुष्य का स्वभाव प्रार्थना से बदलता है।
- जितना अधिक आत्मा स्पर्श करे, उतना ही वे मानेंगे,
- अधिक सक्रिय वे हो जायेंगे।
- और सच्ची प्रार्थना के कारण, उनके दिल धीरे-धीरे शुद्ध हो जाएंगे,
- सच्ची प्रार्थना से वे शुद्ध हो जाएंगे,
- सच्ची प्रार्थना से वे शुद्ध हो जाएंगे।
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
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