कैसे परमेश्वर करते हैं सब पर राज
- I
- जिस पल तुम आये दुनिया पर, रोते हुए,
- उस पल से ही तुम कर्त्तव्य सारा, निभाते गए,
- मानते हुए परमेश्वर के हर विधान, और योजना,
- तुम समझ लिए, हर काम अपना, और किया शुरू इस जीवन का सफर...
- II
- जो भी हो तेरा कल, या हो सफर आगे का,
- कोई नहीं बच सकता है, स्वर्ग के आयोजन से,
- किस्मत किसी के बस में है तो नहीं,
- क्योंकि वो ही है, जो राजा सभी का, कर सकते हैं ऐसा काम...
- III
- जब से मानव आया, संसार में,
- परमेश्वर अपना हर एक काम करते गए,
- करते हुए सदा ही हर प्रबंध, संसार का,
- सभी की गति और बदलाव का करते गए सदा ही संचालन।
- IV
- सभी चीज़ों की तरह मानव भी, शांति से और अनजाने में,
- मधुर पोषण, ओस और बरसात पाता है परमेश्वर से,
- सभी की तरह, अनजाने में ही,
- मानव भी परमेश्वर के आयोजन में है जीता।
- V
- हर मानव का दिल, और आत्मा,
- है तो बस प्रभु के हाथों में,
- उसका पूरा जीवन प्रभु देखते हैं ध्यान से,
- तुम चाहे मानो या फिर ना मानो,
- ऐसा ही होता है संसार में;
- हर वस्तुएँ, जीवित या मृत,
- बदल जाएंगी, और हो जाएंगी फिर से नयी, और खो जाएंगी,
- परमेश्वर की इच्छानुसार,
- ऐसे ही परमेश्वर करते हैं सभी पर राज।
- Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-परमेश्वर के वचन के भजन
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